ग्लोब आर्टिचोक
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किस्में:
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पर्पल ग्लोब |
बीजाई का समय:
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निचले क्षेत्र |
जून-जुलाई, अगस्त-अक्तूबर |
मध्य क्षेत्र |
मार्च-मई |
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फसल प्राप्ति का समय
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पछेती बसन्त ऋतू से पछेती शरद ऋतू |
सम्बधर्न: सम्बधर्न शाखाओं से निकले कन्द व प्रकन्दों द्वारा |
अन्तर: 120*60 सैं. मी. या 120*90 सैं. मी. |
निवेश सामग्री:
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प्रति हैक्टैयर |
प्रति बीघा |
प्रति कनाल |
बीज (ग्रा.) |
1000 |
80ग्रा. |
40ग्रा. |
गोबर की खाद (क्विंटल ) |
250 |
20 |
10 |
विधि -1 |
यूरिया ( किलो ग्राम) |
163 |
13 |
6.5 |
सुपरफास्फेट ( किलो ग्राम ) |
375 |
30 |
15 |
म्यूरेट ऑफ़ पोटाश (किलो ग्राम) |
65 |
5 |
2.5 |
विधि- 2 |
12.32.16 मिश्रित खाद (किलो ग्राम ) |
188 |
15 |
7.5 |
म्यूरेट ऑफ़ पोटाश (किलो ग्राम) |
16.5 |
1.3 |
0.70 |
यूरिया ( किलो ग्राम) |
37.5 |
3 |
1.5 |
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नोट: खाद एवं उर्वरकों का प्रयोग एसपैरागस फसल की तरह ही करें। |
उपज: |
ग्लोव आर्टिचोक एक बहुवर्षीय पौध है। फूल के अंकुर बुआई के 14 महीने बाद तोड़े जाते है । तुड़ाई तभी शुरू की जाती है जब पहली कली पक जाती है। कलियों को खुलने से पूर्व ही तोड़ लिया जाता है ताकि वे कठोर न हो जायें । पांच केन्द्रीय तथा 12 किनारे वाले अंकुर प्रति पौधे से तोड़े जाते है। औसत उपज 100 क्ंिवटल प्रति हैक्टेयर (8 क्ंिवटल प्रति बीघा या 4 क्ंिवटल प्रति कनाल) एक पौधे से 250 से 500 ग्राम उपज प्राप्त होती है। |