चुकन्दर
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यह एक नकदी फसल है जिसकी जड़ों से चीनी बनाई जाती है। इसका बीजोत्पादन हिमाचल के ऊंचाई वाले शुष्क पर्वतीय क्षेत्रों में सफलता से किया जाता है। |
उन्नत किस्में:
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रोमनस्काया: जड़े लम्बी मूली की तरह, शक्कर 14 से 16 प्रतिशत, जड़े 140 से 150 दिन में तैयार । औसत उपज 150-190 क्ंिवटल प्रति हैक्टेयर ।
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बीजाई का समय: मई-जून (ऊंचे पर्वतीय क्षेत्र |
निवेश सामग्री:
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प्रति हैक्टैयर |
प्रति बीघा |
प्रति कनाल |
बीज (कि. ग्रा.) |
8 |
600ग्रा. |
300ग्रा. |
गोबर की खाद (क्विंटल ) |
100 |
8 |
4 |
विधि -1 |
यूरिया ( किलो ग्राम) |
200 |
16 |
8 |
सुपरफास्फेट ( किलो ग्राम ) |
300 |
24 |
12 |
म्यूरेट ऑफ़ पोटाश (किलो ग्राम) |
50 |
4 |
2 |
विधि- 2 |
12.32.16 मिश्रित खाद (किलो ग्राम ) |
156 |
12.5 |
6.3 |
म्यूरेट ऑफ़ पोटाश (किलो ग्राम) |
9 |
0.70 |
0.40 |
यूरिया ( किलो ग्राम) |
175 |
14 |
7 |
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गोबर की खाद एवम् अन्य खादें पालक की तरह |
सस्य क्रियाएं: मूली की तरह
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बीजोत्पादन:
चुकन्दर की जड़े अक्तूबर तक तैयार हो जाती है। बीज तैयार करने के लिए जातीय गुणांे व सही रूप वाली जड़ों का ही चयन करें। किन्नौर में चुनी हुई जड़ो का भण्डारण गढ़ों में करते हैं तथा खेत में भी रहने देते है जबकि कुल्लू क्षेत्र में अक्तूबर में जड़ों को उखाड़ कर व चयन के बाद उसी समय खेत में लगा दिया जाता है। एक हैक्टेयर में तैयार जड़े 5-6 हैक्टेयर बीज फसल के लिए पर्याप्त होती है। |
दूरी: |
जड़ की फसल- |
45*10 सैं. मी. |
बीज का फसला- |
45-60*30 सैं. मी. |
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अच्छे बीज उत्पादन के लिए फसल का तीन बार निरीक्षण करना व अवाँछनीय पौधें को निकालना आवश्यक है। |
क) आरम्भिक अवस्था में अवांछनीय पौधें को निकाल दिया जाता है। |
ख) जड़ों की पुनः रोपाई करते समय उनके गुणों जैसे आकार, बनावट, छिलका तथा गूदे का रंग आदि के आधर पर चयन व रोपाई करें। |
ग) फूल आने के समय शीघ्र फूलने वाले पौधे व पालक, स्विस चार्ड आदि के पौधे की छंटनी की जाती हैै। |
पृथकीकरण:
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शुद्व बीज प्राप्त करने के लिए इसकी दूसरी किस्मों तथा अन्य फसलों जैसे पालक, स्विस चार्ड आदि से 1000 से 1600 मीटर तक की दूरी रखें। तभी प्रमाणित तथा आधर बीज प्राप्त कर सकते है। |
कटाई:
बीज फसल अगस्त-सितम्बर तक तैयार हो जाती है। पकने पर इसकी शाखाओं से बीज झाड़ कर एकत्रा करें। बीज की सफाई करके तथा ग्रेड व सुखा कर उसका सुरक्षित भण्डारण करें। |
बीज पैदावार (किवटल): |
प्रति हैक्टैयर |
प्रति बीघा |
प्रति कनाल |
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12-15 |
1.0-1 |
0.5-0.6 |
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