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हल्दी

हल्दी को मसालेदार नकदी फसल के अतिरिक्त हर गृह-वाटिका में भी सफलता से उगाया जाता है।
किस्में: केवल स्थानीय उन्नत किस्में ही प्रदेश में उगाई जाती है।
पालम पिताम्बर: यह किस्म, हरे पत्तों के साथ मध्यम ऊंचाई के लिए उपयुक्त है व वार्षिक फसल देती है। यह अध्कि आय देती है व औसतन वार्षिक उपज 332 क्विंटल प्रति हैक्टेयर पाई गई है। स्थानीय किस्मों से अध्कि उपज देने की क्षमता है। इसकी गठ्ठीयां उंगलियों की तरह लम्बी व पीली होती है।
पालम लालिमा: यह स्थानीय किस्मों से अध्कि उपज देती है और वार्षिक फसल किसान के लिए लाभदायक साबित होती है। गठ्ठियांे का रंग नांरगी रंग का होता है। खेत में लगाने के लिए वार्षिक फसल का ही अनुमोदन किया जाता है।
निवेश सामग्री:
  प्रति हेक्टर प्रति बीघा प्रति कनाल
बीज ( क्विंटल ) 20-25 1.60-2.0 0.80-1.0
गोबर की खाद (क्विंटल ) 200 16 8
विधि -1
यूरिया ( किलो ग्राम) 60 5 2.5
सुपरफास्फेट ( किलो ग्राम ) 180 14.5 7.2
म्यूरेट ऑफ़ पोटाश (किलो ग्राम) 100 8 4
विधि- 2
12.32.16 मिश्रित खाद (किलो ग्राम ) 94 7.5 4.0
म्यूरेट ऑफ़ पोटाश (किलो ग्राम) 75 6 3
यूरिया ( किलो ग्राम) 41 3.3 1.7
मल्च
हरी पत्तियां (टन) 12.5 1.0 0.5
या सूखी पत्तियां (टन) 5 0.4 0.2
गोबर की खाद (टन) 10 0.8 0.4
दूरी: पंक्ति व पौधें के बीच की दूरी 30*20 सैंटीमीटर रखें
सस्य क्रियाएं: अरबी की तरह
उपज ( क्विंटल ) प्रति हैक्टेयर प्रति बीघा प्रति कनाल
  150-200 12-16 6-8
बीमारिया  
लक्षण उपचार
गट्ठी सड़न रोगः प्रभावित गठ्ठियां सड़ जाती हैं तथा उनकी पत्तियां भूरी हो जाती हैं। 1. रोगमुक्त गठ्ठियों का प्रयोग करें ।
2. भण्डारण से पूर्व तथा बुआई से पूर्व गठियों को 25 ग्राम इंडोफिल एम-45 और10 ग्राम बैविस्टन प्रति 10 लीटर पानी के मिश्रण में एक घण्टे के लिए डुबो कर रखें ।
मुरझाना: जड़े सड़ जाती हैं तथा पौधे मुरझा जाते हैं। उपरोक्त
पत्ता ध्ब्बा: पत्तों के दोनों ओर ध्ब्बे पड़ जाते हैं । प्रायः ऊपरी सतह पर अध्कि होते हैं । पत्ते विकृत आकार के तथा लाल-भूरे रंग के हो जाते हैं । इंडोफिल एम-45 (25 ग्राम/10 लीटर पानी) का छिड़काव रोग के प्रकट होने पर हर 10 दिन बाद करें या बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर दो या तीन बार टिल्ट 25 ई. सी. या स्कोर 25 ई. सी. (100 मि. ली./100 लीटर पानी) का 10 दिन के अन्तराल पर छिड़काव करें।
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Visitor No.: 08894461   Last Updated: 13 Jan 2016