वैक्सीनेशन
पशुओं को विभिन्न बिमारिओं के प्रयोग से बचाने के लिए उन्हें नियमित तौर पर वैक्सीनेशन करवाना चाहिए।
कुत्तों के लिए
|
क्र॰स |
बिमारी |
वैक्सीनेशन |
उमर सप्ताह में |
|
1 |
केनाइन डिस्टेम्प, हिपेटाइटिस, लेप्टो, साइरोसिस, पाखो वायरस, पार- इन्फ्लूएंजा, एडिनो वायरस टाईप-2 और रेबीज़ |
|
पप जोकि उस माँ से पैदा हुआ हो जिसको वैक्सीनेशन न हुई हो |
पप जोकि उस माँ से पैदा हुआ हो जिसको वैक्सीनेशन हो चुकी हो |
2 |
केनाइन डिस्टेम्प, हिपेटाइटिस, लेप्टो, साइरोसिस, पाखो वायरस, पार- इन्फ्लूएंजा, एडिनो वायरस टाईप-2 और रेबीज़ |
पहला टीका |
3-4 सप्ताह |
8-9 सप्ताह |
3 |
केनाइन डिस्टेम्प, हिपेटाइटिस, लेप्टो, साइरोसिस, पाखो वायरस, पार- इन्फ्लूएंजा, एडिनो वायरस टाईप-2 और रेबीज़ |
दूसरा टीका |
9-10 सप्ताह |
12-13 सप्ताह |
4 |
केनाइन डिस्टेम्प, हिपेटाइटिस, लेप्टो, साइरोसिस, पाखो वायरस, पार- इन्फ्लूएंजा, एडिनो वायरस टाईप-2 और रेबीज़ |
वैक्सीनेशन |
हर साल |
हर साल |
|
गो जातीय पशुओं व भेंसों के लिए:-
|
वैक्स्सिं लगाने की आयु |
वैक्सीन का नाम |
दोबारा कब लगवाएं |
2 से 4 महीने |
मुह-खुर रोग |
6 महीने बाद दोबारा लगवाएं |
6 महीने से ऊपर |
गलघोंटू रोग |
वर्षा ऋतु से पहले हर वर्ष लगवाएं |
6 महीने से ऊपर |
लंगड़ा बुखार |
वर्षा ऋतु से पहले हर वर्ष लगवाएं |
|
भेड़ों में:-
|
वैक्स्सिं लगाने की आयु |
वैक्सीन का नाम |
दोबारा कब लगवाएं |
12 हफ्ते |
एन्टेरोटोक्सीमिया |
वर्षा ऋतु से पहले हर वर्ष लगवाएं |
4-6 हफ्ते |
पी पी आर वैक्सीन |
वर्षा ऋतु से पहले हर वर्ष लगवाएं |
|
पोल्ट्री में:-
|
वैक्स्सिं लगाने की आयु |
वैक्सीन का नाम |
1 दिन |
मरैक्स रोग वैक्सीन |
2-7 दिन |
रानीखेत रोग वैक्सीन (F-1) |
2-3 दिन |
गम्बोरो रोग वैक्सीन |
3-4 हफ्ते |
इन्फ़ैक्शियस ब्रोंकिटीस वैक्सीन-1 |
4-5 हफ्ते |
रानीखेत रोग वैक्सीन (लसोटा) |
6-8 हफ्ते |
रानीखेत रोग वैक्सीन (R2B) 1 |
8-10 हफ्ते |
फौउल पौक्स वैक्सीन |
10-12 हफ्ते |
इन्फ़ैक्शियस ब्रोंकिटीस वैक्सीन-2 |
16-18 हफ्ते |
रानीखेत रोग वैक्सीन (R2B) 2 |
|
|
|